छतरपुर जिले के देरी रोड स्थित बाबूराम प्रजापति ने मधुमक्खी पालन एपीकल्चर की नींव रखने का श्रेय इन्हीं को जाता है। कलेक्टर संदीप जी.आर. द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बाबूराम ने बताया की एपीकल्चर की परिशोधित तकनीकों से बाबूराम द्वारा एक साल में 12 क्विंटल शहद उत्पादन किया और लगभग सलाना 8 लाख की कमाई अर्जित की है। बाबूराम ने प्रतिकूल मौसम होने के बावजूद भी इनका शहद का उत्पादन 5 क्विंटल रहा। इन्होंने 5 लोगों को रोजगार भी दिया साथ ही वर्तमान में यह मास्टर ट्रेंनर में भी कार्यरत है। हमारे छतरपुर जिले के युवाओं को मधुमक्खी पालन हेतु ट्रेनिंग मुहैया करवाते है। इनकी सफलता से बुन्देलखण्ड के युवाओं एवं अन्य किसानों का रूझान मधुमक्खी पालन की तरफ और बढ़ गया है।